चर्च-मिशनरियों का ब्राह्मण-विरोध -शंकर शरण

“सबसे पहले फ्रान्सिस जेवियर (16वीं सदी) ने हमला शुरू किया। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण चूँकि समाज पर प्रभाव रखते हैं, इसलिए हिन्दुओं को क्रिश्चियन बनाने के लिए इसे तोड़ना जरूरी है। यही ब्राह्मण-विरोध के सिद्धांत-व्यवहार का आदि और अंत है। जिसे आज भी जाँच सकते हैं।…ब्राह्मण-विरोध मूलतः और अंततः हिन्दू समाज को मिटाने की नीति का अंग है।“